श्री मद्भगवत गीता सिर्फ धार्मिक या आध्यात्मिक ग्रंथ मात्र नही

शाहपुरा ( मूलचन्द पेसवानी ) – शाहपुरा के सदर बाजार स्थित श्री गोविन्द देव का मंदिर मे प्रातःकालीन प्रार्थना सत्र में गीता जयंती मनायी गई। पुजारी पंडित महावीर प्रसाद शर्मा ने बताया कि मार्गशीष महिने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहते हैं। आज की पुण्यएकादशी के दिन भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन के विषाद एवं मोह को दूर करने के लिए कुरुक्षेत्र के मैदान में यह प्रेरणादायक मार्ग दर्शन कर अपने कर्तव्य का पालन करने के लिए प्रेरित किया। इसलिए आज की एकादशी का नाम गीता जयंती भी है। गीत का दिव्य उपदेश मानव जीवन की सफलता व सार्थकता का मूल आधार है। कर्मयोग की सबसे सुन्दर व्याख्या गीता का उपदेश है। इस महान ग्रंथ की उपादेयता जीवन के हर क्षेत्र में देखी जा सकती है। यहां तक की मैनेजमेंट के क्षेत्र में भी इस ग्रंथ की उपादेयता प्रतिबिम्बित होती है।
इस अवसर पर राधेश्याम झंवर, राजेंद्र मूंदडा, ललित धूपड, सत्य नारायण मूंदडा, नंदलाल सोनी द्वारका प्रसाद मूंदडा ओमप्रकाश तोषनीवाल, कृष्ण गोपाल मूंदडा एवं मातृशक्ति उपस्थित थे। गीता भजन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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