नमक मंडी की विभिन्न समस्याओं के निराकरण को लेकर संगठन के सदस्यों ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन,
संगठन के सदस्यों ने शीघ्र अति शीघ्र समाधान करवाने की करी पुरजोर मांग,
नमक व्यवसाय 50,000 परिवार एवं 1,00,000 मजदूरो की है रोजी-रोटी का है जरिया,
जिला कलेक्टर ने नमक व्यापारियों की समस्याओ को ध्यान से सुनकर नियमानुसार उचित समाधान करने का दिया आश्वासन,
नावा सिटी (मनोज गंगवाल) – मंगलवार को साल्ट डेवलपमेंट एंड वेलफेयर सोसाइटी नावा सिटी के सदस्यों ने नव निर्वाचित अध्यक्ष दिनेश जांदू के नेतृत्व में जिला कलेक्टर बाल मुंकन्द असावा से की शिष्टाचार मुलाकात। प्राप्त जानकारी के अनुसार साल्ट डेवलपमेंट एंड वेलफेयर सोसाइटी नावा सिटी के सदस्यों ने शिष्टाचार मुलाकात कर नावा नमक मंडी की नमक से संबंधित विभिन्न समस्याओं से अवगत करवाते हुए ज्ञापन दिया। उन्होंने अपने ज्ञापन में लिखा है कि नावां उत्तर भारत का सबसे बड़ा नमक उत्पादन व निर्गमन का क्षेत्र है, इस क्षेत्र में नमक उत्पादन के 3000 के लगभग छोटे-मोटे नमक उत्पादक किसान है, इस क्षेत्र में नमक उत्पादन के अलावा क्षेत्रीय कोई दूसरा व्यवसाय एवं उद्योग नहीं है।
यह नमक उत्पादन क्षेत्र साम्भर झील के चारो तरफ जैसे गुढासाल्ट, बनगढ़, जाबदीनगर, गोविन्दी, राजास नावां, मोहनपुरा, उलाणा, बवलीगुढ़ा, झाग धीरा, नोसल, सन्त की ढाणी, आऊ, डेर की ढाणी, सिनोदिया, जाल्या की ढाणी, खाखड़की आदि क्षेत्रों में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 50,000 परिवारों का जीवन यापन होता है।
इस क्षेत्र में नमक उत्पादक बोरवेल के खारे पानी से नमक उत्पादन किया जाता है, नमक उत्पादन क्षेत्र झील क्षेत्र से दूर है, नमक उत्पादन में लगभग 1,00,000 मजदूर लगे हुए है, जिनका रोजी रोटी का जरिया नमक उत्पादन में कार्य करने से होता है, किसी भी प्रकार से नमक उत्पादन में रोक लगाई जाती है, तो 3000 नमक उत्पादन इकाईयों के साथ 50,000 परिवार एवं 1,00,000 मजदूर बेरोजगार हो जायेगे।
नमक उत्पादन से सरकार को करोड़ो में रेवेन्यू, रेल भाडा, रोड ट्रांसपोटेशन, टेक्स, बैंकिंग एवं इनसे जुड़े हुए समस्त व्यक्ति साधन, मजदूर को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि साम्भर साल्ट लिमीटेड़, साम्भर व नावां ने हजारों बीघा सरकारी भूमि (सिवायचक) 6620 बीघा (खसरा संख्या 302, 622 एवं 996 नये खसरा संख्या 1800 से 1803) को विवादित भूमि बताकर साम्भर साल्ट लिमीटेड़ ने नमक रिफाईनरी, बोरवेल, कुँआ नमक उत्पादन क्यार क्यार पिचिग, चारजिग, डिसचारजिंग, चेनल आदि बनाकर अवैध अतिक्रमण कर रखा है।
साम्भर साल्ट लिमीटेड के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने निजी व्यक्तियों से मिलीभगत कर सरकारी भूमि (सिवायचक) में अवैध बोरवेल कर, कच्चा-पक्का निर्माण कर अवैध अतिक्रमण कर नमक इकाईयों निर्मित करवाकर लीज पर दे रखी है, परन्तु साम्भर साल्ट स्वयं अतिक्रमी है, परन्तु अपने अनैध कार्य / तथ्य छुपाने के लिए एवं नमक किसान/व्यापारियो पर दोषारोपण कर उन्हें अतिकर्मी बता रही है। उन्होंने बताया कि साम्भर साल्ट लिमीटेड़, नावां में अंग्रेजों के जमाने के 60 क्यार बने हुए है, जिनमें से 30 से अधिक क्यार कई वर्षों से बन्द पड़े हुए है। साम्भर साल्ट लिमीटेड़ यह क्यार चलाने में असमर्थ होने के बावजूद झील क्षेत्र में अवैध अतिकमण कर नये क्यार बनाकर अपने निजी कुछ व्यक्तियों को लाभ पहुँचाने की नियत से लीज पर दे रही है।
साम्भर साल्ट लिमीटेड़ ने ग्राम गुढ़ासाल्ट में सरकारी भूमि पर कब्जा कर अवैध रूप से नमक रिफाईनरी बनाकर संचालित कर रहे है, इसीप्रकार नावां में भी सरकारी भूमि पर कब्जा कर अवैध रूप से नमक रिफाईनरी बनाकर संचालित कर रहे है, जिला कलेक्टर नागौर ने पत्र कमांक एफ.12 राजस्व/2017/1827 दिनांक- 05/04/2017 को रिफाईनरी निर्माण पर रोक लगाई थी, उसके बावजूद भी जिला कलेक्टर नागौर के आदेश को दरकिनार करते हुए रिफाईनरी संचालित की जा रही है एवं तहसीलदार नावां ने भी धारा 91 राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम 1956 के तहत् भी साम्भर साल्ट लिमीटेड़ के खिलाफ नोटिस जारी कर कानूनी कार्यवाही समय-समय पर की है।
उन्होंने बताया कि साम्भर झील नावां के खसरा संख्या 2/1 रकबा 11013 हैक्टेयर भूमि राजस्थान सरकार के नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज चली आ रही है, उक्त खसरा की भूमि में से जिला कलेक्टर, नागौर के आदेशा कमांक-एफ. 12(26) राजस्व/2019/712 दिनांक-06/03/2019 के तहत् फुलेरा-डेगाना रेलवे लाईन के डबलिंग कार्य स्पेशन रेलवे प्रोजेक्ट के लिए ग्राम नावां के गत् खसरा नम्बर 01 के नवीन खसरा नम्बर 2/1 गै.मु.झील रकबा 11013 हेक्टेयर भूमि में से 1.4385 हैक्टेयर भूमि को नगरपालिका नावां के अधीन हस्तान्तरण के आदेश प्रदान किये गये, जिसके नये खसरा नम्बर 3/1 रकबा 0.4783 हैक्टेयर व खसरा नम्बर 4/1 रकबा 0.9602 हैक्टेयर है, वर्तमान में साम्भर झील नावां के खसरा नम्बर 2/1 का क्षेत्रफल 11011.5615 हैक्टेयर है, उक्त खसरा की झील राज्य सरकार के नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज होने के कारण जिला कलेक्टर, नागौर ने 1.4385 हैक्टेयर भूमि के आवंटन का आदेश दिया है एवं साम्भर झील नावां पर राज्य सरकार का ही खातेदारी एवं मालिकाना हक है।
उन्होंने बताया कि कार्यालय जिला कलेक्टर नागौर के पत्र कमांक-12 राजस्व/2017/1827 दिनांक-05/04/2017 को साम्भर साल्ट लिमिटेड़ द्वारा नावां क्षेत्र में सरकारी भूमि 6620 बीघा (खसरा नम्बर 302, 622 एवं 996 नये खसरा नम्बर 1800 से 1803) भूमि पर रिफाईनरी निर्माण नही करने के लिए पाबन्द किया गया। उन्होंने बताया कि न्यायालय तहसीलदार नावां जिला नागौर ने एक राजस्व प्रकरण एल.आर. एक्ट, 1956 की धारा 91 प्रकरण संख्या 2/18 प्रार्थी सरकार जरिये पटवारी हल्का नावां बनाम अप्रार्थीगण महाप्रबन्धक साम्भर साल्ट लिमीटेड़ साम्भर, सम्पदा अधिकारी साम्भर साल्ट लिमीटेड़ नावां के विरूद्ध एक प्रकरण ग्राम नावां के खसरा संख्या 1788 रकबा 0.600 है0 किस्म गै. मु.समन्द पर नमक रिफाईनरी साम्भर साल्ट लिमीटेड़ द्वारा निर्मित की जा रही थी, हल्का पटवारी नावां, भू-अभिलेख निरीक्षक नावां द्वारा साम्भर साल्ट लिमीटेड़, साम्भर, साम्भर साल्ट लिमीटेड़ नावां के विरूद्ध एल.आर.एक्ट. 1956 की धारा 91 के तहत् नोटिस जारी कर न्यायालय ने सुनवाई करते हुए नावां के खसरा संख्या 1788 रकबा 0.6000 है० गै. मु.समन्द सरकारी भूमि (सिवायचक) से अप्रार्थी साम्भर साल्ट लिमीटेड़, साम्भर, साम्भर साल्ट लिमीटेड़ नावां को उक्त भूमि पर से भौतिक रूप से बेदखली का आदेश दिया गया एवं शास्ति सरह लगान 2.40 का 50 गुणा अर्थात् 120/-रूपये आरोपित किये गये। न्यायालय ने दिनांक-28/05/2019 को निर्णय कर सरकारी भूमि (सिवायचक भूमि) से अप्रार्थी साम्भर साल्ट लिमीटेड़, साम्भर व साम्भर साल्ट लिमीटेड, नावां को बेदखली के आदेश दिये। उन्होंने बताया कि नावां, मोहनपुरा, खाखड़की, राजास, जाबदीनगर, गुढ़ासाल्ट, उलाणा आदि क्षेत्रों में नमक उत्पादन की इकाईयों निजी खातेदारी में लीज डीड बनाकर नमक उत्पादन का कार्य किया जाता है। नावां में जिला उद्योग केन्द्र कार्यालय पूर्व में था, जिसे सरकारी आदेशानुसार बन्द कर दिया गया, जिसके कारण एवं अज्ञानता के कारण लीज डीड कई इकाईयों की नविनीकरण नही हो सकी।
कोविड-19 के कारण भी लीज डीड कई इकाईयों की समय पर नविनीकरण नही हो सकी। उन्होंने जिला कलेक्टर से निवेदन करते हुए कहा कि नमक उत्पादन इकाईयों की लीज डीड नविनीकरण विलम्ब शुल्क में छुट देकर शीघ्र अति शीघ्र नविनीकरण करवाने की कार्यवाही करवावें। उन्होंने बताया कि नमक उत्पादन इकाईयों की लीज डीड बनी हुई है, लीज डीड धारक फौत होने पर उनके वारिसान के नाम फौतगी नामान्तकरण दर्ज करवाने की कार्यवाही करवावे एवं नमक इकाई क्रय/ विक्रय होने पर क्रेता के नाम नामान्तकरण बन्द हो रखा है, क्रेता द्वारा इकाई खरीदने पर पूर्व विक्रेता के स्थान पर क्रेता का नाम नामान्तकरण में दर्ज कराने की कार्यवाही करावें। उन्होंने बताया कि नावां में पूर्व में जिला उद्योग केन्द्र कार्यालय था, जिसे बन्द कर दिया गया है। उक्त जिला उद्योग केन्द्र कार्यालय पूनः खोला जावें एवं साल्ट इंस्पेक्टर अपनी नियमित सेवाएँ देवें, जिससे नमक सम्बन्धित समस्याओं का निराकरण बिना किसी समय विलम्ब के हो सकें एवं नमक व्यापार को बढ़ावा मिल सकें। उन्होंने कहा की उद्योग विभाग की जिला स्तर की कमेठियों में साल्ट डवलपमेंट एण्ड वेलफेयर सोसाइटी नावां के सदस्यों को मेम्बर बनाया जावें। उद्योग विभाग द्वारा श्रमिक कल्याण सम्बन्धित योजनाओं को बन्द कर दिया गया है, उन्हें पूनः चालु करवाने की कार्यवाही करवावे। साल्ट डवलपमेंट एण्ड वेलफेयर सोसायटी, नावां द्वारा जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर निवेदन किया गया कि नमक उत्पादन की 3000 इकाईयों एवं 50,000 परिवारों एवं इनमें कार्य करने वाले 1,00,000 मजदूरों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए साम्भर साल्ट लिमीटेड़ द्वारा किये गये वैटलेण्ड क्षेत्र एवं सरकारी भूमि (सिवायचक भूमि) पर बनाये गये अवैध नमक उत्पादन इकाई एवं अवैध बोरवेल, अवैध कुएँ एवं साम्भर साल्ट लिमीटेड़ सरकारी उपक्रम होने का फायदा उठाते हुए विधुत विभाग से अवैध कनेक्शन लेकर नमक उत्पादन कर रही है। उक्त अवैध निर्माण एवं बोरवेल एवं अतिक्रमण एवं विधुत कनेक्शन को अतिशिघ्र हटवाने की कार्यवाही करावें एवं नमक कल्याणकारी योजनाओं को पूनः चालु करवाने की मांग की। जिला कलेक्टर ने नमक व्यापारियों की समस्याओ को ध्यान से सुनते हुए नियमानुसार जल्द उचित समाधान करने का आश्वासन दिया l इस दौरान साल्ट डेवलपमेंट एंड वेलफेयर सोसाइटी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष दिनेश जांदू , उपाध्यक्ष प्रभु सिंह राठौड़, सचिव दीपक मोदी, सह सचिव सुशील अग्रवाल,मीडिया प्रभारी जगदीश छापोला, कानूनी सलाहकार एडवोकेट आनंदीलाल कुमावत, विजेंद्र सिंह राठौड़, गौतम खंडेलवाल, प्रकाश मोदी,ललित वीर गुर्जर, बद्री अग्रवाल, रवि चौधरी, दिलीप मोदी, नटवर कुमावत आदि मौजूद रहे।
