बूंदी ( नीरज गौड़ ) – बूंदी जिले के नैनवां तहसील क्षेत्र में व्यापारी व ग्राहक दोनो में परस्पर एक व दो रुपये के सिक्के का लेनदेन नही होने से आमजन पर अतिरिक्त भार बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। क्षेत्र में कई जगह एक व दो रुपये के सिक्कों का लेनदेन नही किया जा रहा जिससे ग्राहक व व्यापारी को मजबूरी में सौदा पूरे 5 या 10 रुपये के राउंड फिगर में करना पड़ रहा है या शेष राशि छोड़नी पड़ती है।
ये है असर – क्षेत्र में जहां एक ओर किराना व्यापार, ईमित्र व्यापार, मिस्त्री व्यापार, इलेक्ट्रॉनिक व इलेक्ट्रिकल व्यापार, मेडिकल, कृषि व्यापार, कपड़ा व्यवसाय, मोबाइल रिचार्ज व्यवसाय, दूध व्यवसाय, सब्जी व्यवसाय आदि सभी व्यापारों में एक व दो के सिक्के का उपयोग नही होने से हवा से लेकर दुआ तक सभी जगह 5 व 10 के सिक्कों ने ले ली है। कही कुल सौदे में एक दो रुपये कम लेकर छोड़ दिये जाते है तो कहीं एक दो रुपये अधिक लेकर चुना लगाया जा रहा है। ग्राहक भी किसी अन्य दुकानदार के सिक्के स्वीकार नही करने से इन एक व दो के सिक्को को स्वीकार नही करते जिससे संतुलन बिगड़ रहा है।
भृष्ट व्यवसायी उठा रहे अतिरिक्त लाभ – जहां एक ओर अलग अलग व्यवसाय में लाभ भी अलग अलग अनुपात में प्राप्त होता है वही कुछएक व्यापारी इन सिक्कों का सामान्य प्रचलन में नही होने का लाभ उठाते हुए इन्हें स्वीकार नही करके कोई लेता नही का बहाना बना कर एक दो रुपये ज्यादा ले लेते है जिससे उन्हें अनुमानित लाभ से भी अधिक लाभ प्राप्त हो जाता है और ग्राहक की जेब से धीमी गति से निकला अतिरिक्त पैसा उसे दिखाई नही देता। वही ये मामला कही जगह उल्टा होकर व्यापारी को भी नुकसान की ओर ले जा रहा है।
ये है कानून – रिजर्व बैंक द्वारा जारी की गई मुद्रा जिसे रिजर्व बैंक द्वारा बंद नही किया गया है उसे लेने से इनकार करने पर 124 A के तहत दंडनीय अपराध है। राष्ट्रीय मुद्रा का अपमान राजद्रोह की श्रेणी का अपराध है जिसमे सजा के रूप में धारा 124A भारतीय दंड विधान के तहत तीन साल से लेकर आजीवन कारवास तक कि सजा है।
इसके अलावा जो लोग इनके बंद होने की अफवाह फैलाते है उनके लिए भी सजा का प्रावधान है जिसमे धारा 505 के तहत मुकदमा दर्ज करवाया जा सकता है जिसकी अधिकतम सजा 3 वर्ष व जुर्माने का प्रावधान है।
