कैट की मांग पर लगी मुहर, सरकार ने “खुले बाजार विक्री योजना (omss)” के तहत गेहूं चावल एवं श्री अन्न की बिक्री को दी मंजूरी

छोटे एवं मझौले व्यापारियों को भी बिक्री के लिए अनुमति मिलनी चाहिए : शंकर ठक्कर

मुंबई ( ललित दवे ) – कॉन्फ़डरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया पिछले कुछ दिनों से आवश्यक वस्तुएं जिन में खासकर गेहूं चावल जैसी चीजों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। बढ़ते दामों को रोकने के लिए सरकार ने इन पर स्टॉक सीमा लागू की लेकिन इसका कोई भी असर बाजारों पर नहीं हुआ। स्टॉक सीमा लागू करने के वक्त ही हमने सरकार से मांग की थी की सरकार स्टॉक सीमा लागू करने की बजाये आपूर्ति बढ़ाए तो ही दाम काबू में आएंगे।

सरकार ने इस मांग को गंभीरता से लेते हुए आदेश जारि कर खुले बाजार बिक्री योजना (omss)के तहत गेहूं,चावल और श्री अन्न यानी की बाजरा,ज्वार, रागी और मक्के की बिक्री की अनुमति दी है। हालांकि सरकार ने गेहूं की बिक्री के लिए सरकारी एजेंसियां जिन में नाफेड,एनसीसीएफ, केंद्रीय भंडार को खुदरा बिक्री के लिए “भारत ब्रांड” के तहत बिक्री करने और ई-कॉमर्स और बड़ी खुदरा श्रेणी के दुकानों को अनुमति दी है। इसमें खुदरा एवं छोटे और मझौले दुकानदारो का समावेश नहीं किया गया है यह निर्णय ठीक नहीं है क्योंकि देशभर में छोटे एवं मझौले दुकानदार के माध्यम से ही आपूर्ति होती है और इनका समावेश ना किया जाना निराशाजनक है सरकार ने इस निर्णय पर पुनः विचार करना चाहिए।

सरकार ने चावल की बिक्री के लिए भी ई-कॉमर्स और अन्य व्यापारियों के बीच भेदभाव किया है ई-कॉमर्स और बड़ी श्रृंखला श्रेणी दुकान के लिए ₹2400 आधार मूल्य तय किया है जबकि अन्य व्यापारियों के लिए ₹2800 आधार मूल्य रखा है यह भी सरासर गलत है इस पर भी सरकार को पूर्ण विचार करने की आवश्यकता है।

शंकर ठक्कर ने आगे कहा हमारी मांग को स्वीकार करने के लिए सरकार का आभार जताते हैं। इस फैसले से आपूर्ति बढ़ेगी और दाम काबू में आएंगे लेकिन सरकार द्वारा भेदभाव की नीति अपनाई है इसका हम कड़ा विरोध करते हैं इसलिए सरकार इसका संज्ञान लेकर पुनः विचार कर तुरंत संशोधन कर नया आदेश जारी करें।

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