
नैनवां ( नीरज गौड़ ) – अवैध बजरी के करोड़ो के कारोबार से नैनवां फिर एक बार सुर्खियों में आ चुका है। नैनवां थानाधिकारी कमलेश कुमार शर्मा ने बताया कि ये मामला नैनवां थाना क्षेत्र का है जहां गुरुवार को बजरी माफिया द्वारा पर्यावरण दृष्टि संस्थान के सदस्यों से मारपीट की गई जिसमें इस संगठन के सदस्य घायल हो गए और इनकी बोलेरो के कांच तोड़ दिए गए। इसके बाद इसी संस्था के सदस्य अवैध बजरी से भरे ट्रेक्टर ट्रॉली को लेकर नैनवां थाने में पहुंचे व पुलिस के सपुर्द किया और उनके साथ हुई मारपीट की रिपोर्ट दी। दूसरी ओर थाने के बाहर से अज्ञात व्यक्ति ने ट्रेक्टर ओर ट्रॉली को चुरा ले जाने का प्रयास किया गया जिसपर पुलिस ने पीछा कर ट्रेक्टर व ट्रॉली पकड़ने में सफलता हासिल की लेकिन ट्रेक्टर ट्रॉली को चुराने वाले अज्ञात व्यक्ति पुलिस को चकमा देकर भाग गया। पुलिस द्वारा ट्रेक्टर ट्रॉली को जप्त किया गया है। पुलिस ने इस मामले में दो मुकदमे दर्ज किए है जिसमे पहला पर्यावरण दृष्टि संस्था की ओर से अवैध बजरी परिवहन का व मारपीट का है और दूसरा पुलिस थाना परिसर से ट्रेक्टर ट्रॉली चोरी करने के प्रयास का है।
आखिर क्या है पर्यावरण दृष्टि एनजीओ – जिस पर्यावरण दृष्टि एनजीओ का जिक्र बार बार किया गया है अगर एक नजर उसपर की जाए तो मौका समय किसी भी सदस्य के पास इस एनजीओ का आईडी कार्ड, बजरी से भरे ट्रेक्टर या डंपर को रोकने का अधिकार पत्र, एनजीओ के रजिस्ट्रेशन संबंधित दस्तावेज, एनजीओ के कार्य क्षेत्र संबंधित दस्तावेज आदि व इनसे जुड़ी प्रमुख जानकारी उपलब्ध नही पाई गई। इस एनजीओ द्वारा जिस बोलेरो का उपयोग किया गया उस बोलेरो की दोनो नंबर प्लेट गायब है ओर यही नही इसपर एक ओर सरकारी गाड़ियों की तरह लाल रेडियम से सरकार लिखा हुआ है। इस गाड़ी पर एनजीओ से जुड़ा किसी तरह का लोगो या स्टिकर भी नही है। इसके अलावा बिना पुलिस या अन्य संबंधित विभाग की मौजूदगी या निर्देश के ट्रेक्टर या डंपर रोकने का कौनसा अधिकार इन्हें प्राप्त है इसका खुलासा भी इस एनजीओ सदस्यों द्वारा नही किया गया, इससे इनकी भूमिका अवैध बजरी परिवहन व व्यापार में संदेह के घेरे में है इस बारे में नैनवां शहरीय क्षेत्र में चर्चा बनी हुई है।
