अस्माकं तु विशिष्टा ये तान्निबोध द्विजोत्तम ।नायका मम सैन्यस्य सञ्ज्ञार्थं तान्ब्रवीमि ते ॥1-7॥ भावार्थ : हे…
Category: Literature Gallery
श्रीमद भगवत गीता { राजस्थािनी पद्यानुवाद } प्रथम अध्याय, श्लोक सं. – 4, 5, 6
अत्र शूरा महेष्वासा भीमार्जुनसमा युधि ।युयुधानो विराटश्च द्रुपदश्च महारथः ॥1-4॥ धृष्टकेतुश्चेकितानः काशिराजश्च वीर्यवान्।पुरुजित्कुन्तिभोजश्च शैब्यश्च नरपुङवः ॥1-5॥…
श्रीमद भगवत गीता { राजस्थािनी पद्यानुवाद } प्रथम अध्याय, श्लोक सं. – 2,3
संजय उवाच पश्यैतां पाण्डुपुत्राणामाचार्य महतीं चमूम्।व्यूढां द्रुपदपुत्रेण तव शिष्येण धीमता ॥1-3॥ दृष्टवा तु पाण्डवानीकं व्यूढं दुर्योधनस्तदा…
श्रीमद भगवत गीता { राजस्थािनी पद्यानुवाद } प्रथम अध्याय, श्लोक सं. – 1
सुमिरूँ माता सरस्वती नै ,अर हाथ जोड़ गणपतिवन्दन ।गीता ज्ञान मंडावो म्हँसूँ ,मायड़ भासा बिना बिघन…